JAGANNATH RATH YATRA
जगदीश मंदिर का निर्माण विक्रम सवंत ईस्वी में तत्कालीन महाराणा जगत सिंह ने करवाया था |मंदिर में ठाकुरजी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से भगवान जगदीश की जगन्नाथापुरी के तर्ज पर तत्कालीन महाराणा जगत सिंह ने अषाढ़ सुदी द्वितीया पर रथयात्रा निकालनी शरु की थी| तब से जगदीश चौक से घंटाघर तक परंपरागत तरीके से भव्य रथयात्रा निकली जा रही है | कालान्तर में महाराणा भोपाल सिंह के समय मंदिर परिसर में ही ठाकुरजी की....
जगदीश मंदिर का निर्माण विक्रम सवंत ईस्वी में तत्कालीन महाराणा जगत सिंह ने करवाया था |मंदिर में ठाकुरजी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से भगवान जगदीश की जगन्नाथापुरी के तर्ज पर तत्कालीन महाराणा जगत सिंह ने अषाढ़ सुदी द्वितीया पर रथयात्रा निकालनी शरु की थी| तब से जगदीश चौक से घंटाघर तक परंपरागत तरीके से भव्य रथयात्रा निकली जा रही है | कालान्तर में महाराणा भोपाल सिंह के समय मंदिर परिसर में ही ठाकुरजी की रथयात्रा निकली जाने लगी जिससे मंदिर में कुछ भक्त ही शामिल होते थे | मंदिर में भक्तो की अथाह आस्था के चलते व में भक्तो की भीड को देखते हुए वर्षों बाद प्रभु के रथ को 1996 में मंदिर परिसर से नीचे जगदीश चौक में उतारा गया | 1996 में पहली बार भगवान जगन्नाथ राय का रथ मंदिर से बाहर भ्रमण पर पारम्परिक रथ में झाकियो सहित निकला तब लोगो की संख्या बहुत कम थी और मार्ग भी छोटा था | लेकिन अब रथयात्रा का भव्य स्वरूप ही गया है जिसमे स्थानीय लोगो के साथ ही हजारो पर्यटक भी पहुचते है | वर्त्तमान में जगन्नाथापुरी के तर्ज राजस्थान के सबसे बड़ी रथयात्रा निकली जा रही है | इस वर्ष 7 जुलाई को निकलने वाली जगदीश मंदिर से रजत रथ पर रथयात्रा विशाल एवं भव्य होगी | रथयात्रा में शामिल सेकड़ो भक्त पारम्परिक परिधान पगड़ी धारण करे हुए होगे | वही महिलाएं लाल चुंदर में सजी –धजी मंगल गीत गाते हुए सिर पर कलश लिए चलेगे | विभिन समाजो, सगठनो की श्री कृष्णा पर आधारित झाकिया अपना विशेष स्वरुप लिए मार्ग में खड़े भक्तो को दर्शन देगे | लगभग 21000 झाडे रास्ते के दोनों और लगाये जएगे एवं दस हज़ार लोगो के लिए प्रसाद वितरण का आयोजन रखा गया है |
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वर्त्तमान में जगन्नाथापुरी के तर्ज राजस्थान के सबसे बड़ी रथयात्रा निकली जा रही है | इस वर्ष 7 जुलाई को निकलने वाली जगदीश मंदिर से रजत रथ पर रथयात्रा विशाल एवं भव्य होगी | रथयात्रा में शामिल सेकड़ो भक्त पारम्परिक परिधान पगड़ी धारण करे हुए होगे | वही महिलाएं लाल चुंदर में सजी –धजी मंगल गीत गाते हुए सिर पर कलश लिए चलेगे | विभिन समाजो, सगठनो की श्री कृष्णा पर आधारित झाकिया अपना विशेष स्वरुप लिए मार्ग में खड़े भक्तो को दर्शन देगे | लगभग 21000 झाडे रास्ते के दोनों और लगाये जएगे एवं दस हज़ार लोगो के लिए प्रसाद वितरण का आयोजन रखा गया है |
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